देखा है क्या तुमने अभी आईना में चेहरा अपना। देखा है क्या तुमने अभी आईना में चेहरा अपना।
इंसानियत के बारे में एक कविता...। इंसानियत के बारे में एक कविता...।
एक हलफनामा...। एक हलफनामा...।
बचपन के बारे में एक कविता...। बचपन के बारे में एक कविता...।
काश कि ऐसा होता...! काश कि ऐसा होता...!
जो है फैला चारों ओर आवरण में जिससे है हम वो पर्यावरण हमारा है ! जो है फैला चारों ओर आवरण में जिससे है हम वो पर्यावरण हमारा है !